Soulveda
ऐसा कहा जाता है कि विश्वास और अविश्वास को लेकर सारी बहस एक ही सवाल पर आकर टिक जाती है- क्या तर्क की जीत होती है? अविश्वासी प्रवृत्ति के लोग कहते हैं कि यदि ईश्वर होता, तो हमें संसार में सब…
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एमर्सन कहते हैं, प्रकृति भी काम करती है। “हर एक के लिए सब कुछ और सबके लिए हर एक की विधि पर काम करती है”। यानी एक समूह के सभी सदस्य हर एक सदस्य का समर्थन करते हैं और हर एक सदस्य समूह का…
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इस वैश्विक सिद्धांत से इंसान के अलग होने का कोई कारण नहीं। जिस प्रकार पदार्थ (तत्व) के बारे में हम जानते हैं कि जलने या फटने या किसी और हादसे से वह फना (नष्ट) नहीं होता बल्कि रूप बदलकर…
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इसमें वही बुनियादी अंश होते हैं, जो कोयले में पाए जाते हैं। प्राकृतिक हीरा तैयार होने में कई सौ वर्ष लगते हैं। हीरा जब निकाला जाता है, तो वह खुरदुरे खनिज के समान होता है। तराश (काट-छाट) के…
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ब्रिटिश कवि “वाल्टर डी ला मअर (Walter de la mare.. 1853-1956) का एक शेर है, यह बड़ी विचित्र बात है कि मिस टी (इंसान) जो कुछ खाता है, वह उसके अंदर दाखिल होकर उसका अंश बन जाता है.
It’s a…
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हरे-भरे पेड़ों से घिरा घर हर किसी को अच्छा लगता है। हरे पत्ते हमारी दुनिया को सजाते हैं। यह वह विचार है, जिससे फार्महाउस (बगीचों में घर) अस्तित्व में आए हैं। लेकिन किसी ऐसे व्यक्ति का मिलना…